भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के परिसर में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत को उनकी 136वीं जयंती पर किया गया सम्मानित

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रुड़की।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के परिसर में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत को उनकी 136वीं जयंती पर सम्मानित किया गया। नेहरू, गांधी व पटेल के समकालीन पंडित, पंडित गोविंद वल्लभ पंत भारत के लिए आधिकारिक भाषा के रुप में हिंदी की कमान संभालने वाले अग्रदूतों में से एक थे। इस उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की की समग्र समझ, जिसमें ज्ञान एवं सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता शामिल है, संस्थान में राजभाषा प्रकोष्ठ की ओर से उनकी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। गोविंद वल्लभ पंत को देश के सबसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों एवं एक प्रशासक के रुप में याद किया जाता है, जिन्होंने आधुनिक भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह संयुक्त प्रांत के प्रधानमंत्री (1937-1939), उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1946-1954) एवं केंद्रीय गृहमंत्री (1955-1961) थे और 1957 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न के प्राप्तकर्ता थे। कार्यक्रम की शुरुआत आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत के आगमन के साथ हुई। डीन प्रशासनिक परिसर में प्रतिमा स्थल पर अध्यक्ष राजभाषा प्रकोष्ठ, रजिस्ट्रार, संस्थान अभियंता एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारियों ने राष्ट्रीय नायक की प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाकर उनकी परोपकारी उपलब्धि को याद करते हुए समारोह अपने चरम पर पहुंच गया। इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा कि एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए जो बौद्धिक रुप से सक्षम, नवोन्मेषी एवं उद्यमशील पेशेवरों के विकास को बढ़ावा देगा। मैं चाहता हूँ कि छात्रा एवं संकाय सदस्य हमारे योग्य नेताओं में से किसी एक की भावना को आत्मसात करें और हमारे समाज की विविध प्रकृति के प्रति सम्मान पैदा करने के साथ-साथ एक भाषाई छतरी के नीचे एकजुट होकर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दें। आईआईटी रुड़की के उप-निदेशक प्रो. यू.पी. सिंह ने कहा कि पंडित गोविंद वल्लभ पंत केंद्र सरकार एवं कुछ राज्यों की आधिकारिक भाषा के रुप में हिंदी की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। इस प्रकार, सीखने की निरंकुश भावना और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशीलता के साथ बौद्धिक उत्कृष्टता तथा रचनात्मकता की सराहना करते हुए आईआईटी रुड़की सभी से शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और एक टिकाऊ व न्यायसंगत समाज बनाने का आग्रह करता है।

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