रुड़की।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आबूरोड़, शांतिवन के कांफ्रेंस सभागार में अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय हिंदी सेवी संस्था विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ द्वारा मोटिवेशनल स्पीकर वरिष्ठ राजयोगी बीके सूर्य तथा ब्रह्माकुमारीज मिडियाविंग के नेशनल काॅर्डिनेटर राजयोगी बीके शांतनु को उनके हिंदी के प्रति विशेष योगदान के लिए विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। विद्यापीठ के उप-कुलसचिव डाॅ. गोपाल नारसन ने वरिष्ठ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदी, बीके सत्येंद्र, बीके रुपेश, फिल्म सिटी मुंबई के मैनेजर रहे ओमवीर सैनी, डाॅ. पर्मेद्र देशवाल, केपी चंदेल व अनिल पुंडीर की मौजूदगी में उन्हें शाॅल व उपाधि प्रमाण पत्र देकर मीडिया कांफ्रेंस में आए 1500 मीडियाकर्मियों व ब्रह्माकुमारीज भाई-बहनों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। वरिष्ठ राजयोगी बीके सूर्य विश्वख्यातिलब्ध मोटिवेशनल स्पीकर के रुप में हिंदी भाषा मे आध्यात्मिक ईश्वरीय ज्ञान व जीवन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए जाने जाते है, जबकि राजयोगी बीके शांतनु ने हिंदी भाषी क्षेत्र उड़ीसा से होकर भी ब्रह्माकुमारीज में आकर मिडियाविंग के नेशनल काॅर्डिनेटर के रुप में हिंदी की सेवा की। विद्यापीठ के उप-कुलसचिव गोपाल नारसन ने बताया कि विद्यापीठ के अधिष्ठाता डाॅ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, कुल-सचिव डाॅ. देवेंद्र नाथ शाह की अनुशंसा पर पीठ की अकादमी परिषद ने यह मानद उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिसे विद्यापीठ की ओर से उन्हें आज प्रदान की गई। उन्होंने विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के स्वर्णिम इतिहास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि सन 800 ईसवी में स्थापित यह विद्यापीठ सबसे पुरातन है, जो आज भी विश्व स्तर पर हिंदी की अलख जगा रही है और हिंदी सेवियों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर बीके सूर्य व बीके शांतनु ने विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ द्वारा उक्त सम्मान देने के लिए आभार प्रकट किया और विद्यापीठ की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन बीके सुधीर भाई ने किया।