महात्मा ज्योतिबा फुले ने सर्व समाज को “शिक्षा” की रोशनी से किया जागरक, जयंती पर सर्वसमाज के लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर किया नमन

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रूड़की। (भूपेंद्र चौधरी)

आज सैनी धर्मशाला समिति रुड़की (रजिस्टर्ड) में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान अतिथिगणों व गणमान्य लोगों ने महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन और साथ ही उनकी जीवनी पर भी प्रकाश डाला। इस दौरान कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे पूर्व गृह राज्यमंत्री राम सिंह सैनी ने कहा कि आज हम सबके लिए जरूरी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को गलत रास्तों से हटाकर उन्हें सही दिशा की ओर अग्रसर करें। साथ ही आने वाली पीढ़ी को यह जानना चाहिए कि समाज1कब महापुरुषों का इस समाज में योगदान क्या है और समाज की तरक्की के लिए किन-किन महापुरुषों ने अपना योगदान दिया। साहित्यकार सुरेंद्र सिंह सैनी ने कहा कि जिस तरह हर एक महापुरुष का सिग्नेचर सेंटेंस यानी होता है, उसी प्रकार महात्मा ज्योतिबा फुले का भी सिग्नेचर सेंटेंस था “समाज की तरक्की के लिए मंदिर-मस्जिद नही, बल्कि शिक्षा जरूरी है।” कहा कि समाज और देश की तरक्की मंदिर मस्जिद में उलझ कर नहीं बल्कि शिक्षा के पथ पर चलकर संभव है। उन्होंने कहा कि आज इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने का उद्देश्य यही है कि हम ऐसे महान व्यक्तित्व वाले महापुरुषों की जीवनी से अवगत हो सके, जिन्होंने देश और समाज की तरक्की में योगदान दिया। साथ ही कहा कि उन्होंने जो शिक्षा के पौधे रोपे हैं, उन्हें खींचकर बड़ा कर सकें। वही वक्ताओं ने कहा कि 11 अप्रैल 1827 का दिन इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि इस दिन शिक्षा की क्रांति के जननायक महात्मा ज्योतिबा राव फुले का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन काल में सर्व समाज को सामाजिक कुरीतियों का बहिष्कार करने, संघर्ष कर आगे बढ़ने तथा शिक्षा के मार्ग पर चलने का अभियान चलाकर समाज को नई दिशा देने में योगदान दिया था। जहां उस दौर में शिक्षा को लेकर सब अनभिज्ञ थे और अशिक्षित माहौल था। ऐसे में महात्मा ज्योतिबा राव फुले ने शिक्षा की जोत जगा कर सर्व समाज और देश भर को शिक्षा की रोशनी से उनके जीवन में उजाला लाने का काम किया। साथ ही अंधविश्वास से भी लोगों को बाहर निकालते हुए उन्हें जागरूक किया। उन्होंने कहा कि शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो का नारा देकर समूचे भारत में एक क्रांति लाने का काम किया। इस दौरान उनके संघर्ष में कई अड़चनें आए और कई लोगों का भी सामना करना पड़ा। कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले के दलित, पिछड़े व शोषित वर्ग के लोग ऋणी रहेंगे। उन्होंने उन्हें शिक्षा की एक रोशनी दिखाई। कहां कि समाज मंदिर-मस्जिद से नहीं बल्कि शिक्षित होने से बनेगा। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी अपने- अपने शब्दों से महात्मा ज्योतिबा फुले को नमन करते हुए उन्हें शिक्षा की क्रांति का महानायक बताया और कहा कि सभी को उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन मास्टर भोपाल सिंह सैनी ने किया। इस दौरान पूर्व गृह राज्यमंत्री राम सिंह सैनी, वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र सिंह सैनी, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी एडवोकेट, भाजपा नेता अनिल सैनी एडवोकेट, वरिष्ठ कांग्रेस नेता आशीष सैनी, मुल्कीराज सैनी, विकास त्यागी, इंजी. कर्ण सिंह सैनी, प्रो. देवेंद्र प्रताप सैनी, श्याम सिंह नागयान, चैयरमेन सुंदर सिंह सैनी, साहित्यकार सौ सिंह सैनी, राजकुमार सैनी, सौरभ सैनी आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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