परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय योग शिविर का शुभारंभ

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योग, ध्यान और आत्मिक जागरण की ओर एक दिव्य यात्रा
आज की व्यस्त जीवनशैली में योग एक विकल्प नहीं बल्कि जरूरत
स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन, गंगा तट पर अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान, गाजियाबाद द्वारा तीन दिवसीय योग शिविर का शुभारंभ किया गया। यह संस्थान पिछले 40 वर्षों से योग, ध्यान और मानवता के कल्याण के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट सेवा कार्य कर रहा है, जिससे अनेक लोगों के जीवन में शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक जागरण का संचार हुआ है।
इस वर्ष आयोजित योग शिविर में 135 से अधिक योग साधक देश के विभिन्न भागों से उपस्थित हुए हैं। तीन दिवसीय इस आयोजन का उद्घाटन स्वामी चिदानंद सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान, गाजियाबाद के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
तीन दिवसीय इस योग शिविर में साधकों को प्रतिदिन सत्संग, प्राणायाम, ध्यान, आसन, सूर्य नमस्कार, योग निद्रा की विशेष विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रातः कालीन सत्र में साधक गंगा तट पर ध्यान साधना के माध्यम से आत्मशांति और संतुलन का अनुभव कर रहे हैं, सायंकालीन समय में गंगा जी की आरती और सत्संग के माध्यम से भक्ति, करुणा और आंतरिक ऊर्जा प्राप्त कर रहे हंै।
स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने इस अवसर पर साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि योग केवल शरीर का अभ्यास नहीं, जीवन का उत्सव है। योग हमें जोड़ता है, स्वयं से, समाज से, और परमात्मा से एकत्व कराता है। जब हम अपने भीतर संतुलन लाते हैं, तभी संसार में शांति और सामंजस्य ला सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली में योग केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गया है। योग और ध्यान के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को सशक्त बना कर अपने विचारों, भावनाओं और चिंतन में दिव्यता का संचार कर सकते हैं।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि योग हमें अहंकार से मुक्त करता है और हमें वर्तमान क्षण में जीना सिखाता है। जब हम सांस के साथ जुड़ते हैं, तब हम ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करते हैं। परमार्थ निकेतन का यह वातावरण प्रत्येक साधक को अपनी आत्मा से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।
अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान, गाजियाबाद के अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार अरोड़ा जी ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य योग और ध्यान के माध्यम से समाज में शांति, सद्भाव और स्वास्थ्य का प्रसार करना है। हम पिछले चार दशकों से देशभर में योग शिविरों, ध्यान सत्रों और आध्यात्मिक कार्यशालाओं के माध्यम से अनेक साधकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं। परमार्थ निकेतन में आयोजित इस शिविर का आयोजन साधकों के लिए एक अनूठा अवसर है।
उन्होंने कहा कि गंगा तट पर स्थित परमार्थ निकेतन का यह दिव्य वातावरण स्वयं में साधना का एक अद्भुत अनुभव प्रदान कराता है, जहाँ हर श्वास में गंगा जी की पवित्रता, हर क्रिया में योग की शांति और हर भावना में भक्ति का स्पंदन है। पूज्य स्वामी जी का पावन सान्निध्य योग साधना को आध्यात्मिक ऊँचाईयां प्रदान करता है।
इस अवसर पर संयोजक श्री राजेश शर्मा जी, श्री दयाराम शर्मा जी, श्री अशोक शास्त्री जी, श्री मनमोहन बोहरा जी, श्री प्रदीप त्यागी जी और श्री असील कुमार जी सहित योगाचार्यों एवं साधकों ने सहभाग किया।
अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान, गाजियाबाद द्वारा परमार्थ निकेतन में वर्ष 2014 से निरंतर योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। साधकों के लिये यह तीन दिवसीय शिविर एक यात्रा है जो शरीर से मन, मन से आत्मा, और आत्मा से परमात्मा को जोड़ती है।

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