रुड़की (ब्यूरो रिपोर्ट)
नव सृजन साहित्यिक संस्था रुड़की द्वारा पंचम नूतन काव्य समारोह में कवियों को नूतन काव्य श्रीसम्मान से विभूषित किया गया। उत्तराखंड के संयुक्त शिक्षा निदेशक डाॅ. आनंद भारद्वाज की स्वर्गीय पत्नी श्रीमती नूतन भारद्वाज की पुण्यस्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डाॅ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रुप में प्रज्ञा हाॅस्पिटल झबरेड़ा के निदेशक डाॅ. दिनेश त्रिपाठी, मुख्य अतिथि के रुप में विधायक प्रदीप बत्रा, नवसृजन संस्था की अध्यक्षा डाॅ. शालिनी जोशी पंत, विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उप-कुलपति वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट, विशेष आमंत्रित कवियत्री डाॅ. ऋतु सिंह पौड़ी, प्रीति त्रिपाठी दिल्ली तथा कवि राम विनय सिंह देहरादून मंचासीन रहे। साहित्यकार नीरज नैथानी व गजलकार पंकज त्यागी ‘असीम’ के संयुक्त संचालन में कार्यक्रम का शुभारंभ माॅं सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। सभी अतिथियों ने स्वर्गीय श्रीमती नूतन भारद्वाज के चित्र पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। कवियत्री अलका घनशाला द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। साथ ही अतिथिगण का नव सृजन साहित्यिक संस्था की ओर से शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। स्वर्गीय श्रीमती नूतन भारद्वाज को काव्यांजलि अर्पित करते हुए डाॅ. आनंद भारद्वाज ने भावांजलि प्रस्तुत की, तो सदन का माहौल भावुक हो गया। डाॅ. ऋतु सिंह पौड़ी, प्रीति त्रिपाठी दिल्ली तथा राम विनय सिंह देहरादून की भावपूर्ण कविताओं को सदन का भरपूर समर्थन मिला। स्वर्गीय नूतन भारद्वाज की बेटी डाॅक्टर वंदना भारद्वाज ने कविता के माध्यम से अपनी माता को श्रद्धांजलि अर्पित की। डाॅ. श्री गोपाल नारसन ने यादों में नूतन भाभी कविता सुनाते हुए कहा- खिड़की दरवाजे तक बोल रहे, नूतन भाभी कब आओगी तुम, जो घर तुमने बनाया था, उसे फिर से कब महकाओगी तुम।। कुछ बोल पाती नूतन भाभी, उससे पहले ही स्वप्न टूट गया, आंख खोली तो कोई न था, यादों का पिटारा छूट गया।। डाॅक्टर योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ के प्रेम विषयक पांच दोहों को लोगों से काफी सराहाना मिली। डाॅ. शालिनी जोशी पंत की रचना का भी सदन ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। उन्होंने राजनीति पर तीखा व्यंग्य पढ़ते हुए सत्ता पर सवाल खड़े किए। काव्यांजलि समारोह में कृष्ण सुकुमार, पंकज गर्ग, नीरज नैथानी, पंकज त्यागी ‘असीम’, नवीन शरण ‘निश्चल’, राजकुमार उपाध्याय ‘राज’, डाॅ. अनिल शर्मा, महेश वशिष्ठ, श्रीमती अलका घनशाला, श्रीमती अनुपमा गुप्ता, विनीत भारद्वाज एवं संस्था महासचिव किसलय क्रान्तिकारी ने भी काव्य पाठ किया। विधायक प्रदीप बत्रा, विशिष्ट अतिथि डाॅ. दिनेश त्रिपाठी व अध्यक्ष योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ ने श्रीगोपाल नारसन समेत पांच साहित्यकारों को ‘नूतन काव्य श्रीसम्मान प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया, जबकि 17 साहित्यकारों को साहित्य के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किये। डाॅ. दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नव सृजन साहित्यिक संस्था भविष्य में कविताओं का कोई समवेत संकलन प्रकाशित करेगी, तो वे उसमें आर्थिक सहयोग देंगे। कार्यक्रम में डाॅ. नवीन शर्मा, डाॅ. रितु शर्मा, निखिल पंत, वरिष्ठ साहित्यकार सुबोध पुंडीर ‘सरित’, सुरेंद्र कुमार सैनी, सौ सिंह सैनी, अनिल अमरोहवी, देवांश सैनी, रणवीर सिंह रावत, श्रीमती दीपिका सैनी, शाहिदा शेख, श्याम कुमार त्यागी आदि मौजूद रहे।