रुड़की।
सोमवार को 10वें वन शहीदी दिवस के मौके पर ट्री ट्रस्ट आॅफ इंडिया ने वृक्ष बलिदानों की स्मृति में पौधारोपण किया। ट्री ट्रस्ट आॅफ इंडिया के अध्यक्ष हरितऋषि विजयपाल बघेल ‘ग्रीन मैन आॅफ इंडिया’ ने कहा कि वर्ष 2013 में वृक्ष बलिदानियों की याद में वन शहीद दिवस मनाए जाने की शुरुआत हुई, जो वर्ष 1730 के 11 सितंबर के दिन माता अमृतादेवी बिश्नोई के नेतृत्व में 363 प्रेमी वृक्षप्रेमियों के बलिदान को याद दिलाता है। उत्तराखंड का ‘चिपको आंदोलन’ भी उससे प्रेरित होकर माता गौरादेवी की अगुवाई में संचालित होकर दुनिया में बिगुल बजा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक यह दिन राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है और ट्री ट्रस्ट आॅफ इंडिया द्वारा इससे विश्व स्तर पर मनाए जाने के लिए ‘वल्र्ड ट्री डे नेटवर्क’ सक्रियता निभा रहा है। ग्रीनमैन ने कहा कि साल का हर दिन किसी ने किसी विशेष दिवस के रुप में मनाया जाता है, लेकिन पूरे प्राकृतिक संरचना का मूल आधार और जीवन संचालित करने का एकमात्र माध्यम वृक्ष हैं, जिसे विश्व स्तरीय दिवस के रुप में नहीं मनाया जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी वृक्ष रक्षा की प्रेरणादायक गौरव गाथा 11 सितंबर के अलावा और कोई नहीं है। यह तो वृक्ष बलिदान के लिए अकेली है, तो क्यों ना ऐसे संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व वृक्ष दिवस के रुप में घोषित करें। इसके लिए ट्री ट्रस्ट आॅफ इंडिया संकल्पित होकर नेटवर्क के माध्यम से अभियान संचालित करेगी और वर्ष 2024 के 11 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय वृक्ष दिवस के रूप में घोषित करने का अथक प्रयास होगा। इस मौके पर विनोद मित्तल ने अपनी मां कौशल मित्तल की स्मृति में भी पौधारोपित किया। उनके साथ उनकी पत्नी प्रभा मित्तल भी मौजूद रहीं इस आयोजन में ट्री ट्रस्ट आॅफ इंडिया की टीम के साथ निर्देशक कार्यक्रम क्रियान्वयन रणजीत सिंह, वन विभाग की उप वन क्षेत्राधिकारी विजेंद्र वालिया व तेलराम के साथ उनकी पूरी टीम, राजकुमारी, ओम प्रकाश, कुलदीप, राजीव सिंह, रजनी एवं सपना आदि मौजूद रही।