रुड़की।
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिझौली में शुक्रवार को साक्षरता दिवस मनाया गया। इस दौरान साक्षरता के प्रति जागरूकता को लेकर रैली निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों, छात्रों, शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
उप-खंड शिक्षाधिकारी, नारसन मैराज अहमद ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा का ज्ञान जरूरी है। बिना शिक्षा के इंसान का जीवन बेकार है। अनपढ़ इंसान जीवन के हर क्षेत्र में पीछे रह जाता है। निरक्षरों को साक्षर करने के लिए ही दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत की गई। कार्यक्रम आयोजक पर्यावरण मित्र शिक्षक अशोक पाल ने कहा कि वर्ष 1995 से वह साक्षरता अभियान से जुड़े हैं। जब वह शिक्षक भी नहीं थे, तब भी वह ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर निरक्षरों को साक्षर बनाए जाने का अभियान चलाए हुये थे। आज भी उनका यह अभियान जारी है। कहा कि शिक्षा अंधेरे में रौशनी की तरह है। पढ़ा-लिखा इंसान ही दुनिया की दौड़ में आगे बढ़ सकता है। नसीम अहमद नंबरदार ने कहा कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। किसी भी उम्र में चाहे तो इंसान शिक्षा का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। उन्होंने दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम को भी जरूरी बताया। कहा कि सभी को अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए। बेटे-बेटी में अंतर न करते हुए दोनों को ही विद्यालय भेजना चाहिए। सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरा है। सरकार हर वर्ग के बच्चों की शिक्षा को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। इस दौरान रितिक, रितिका, नबिया, खालिद, अबुजर, हारिश, अरमान, लक्ष्य आदि छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डाॅ. कमलकांत बरूआ, शिक्षिका इसराना खातून आदि मौजूद रहे।