रुड़की (ब्यूरो रिपोर्ट)
लोकतांत्रिक जन मोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मुआवजे के नाम पर किसान का मजाक कर रही है। जो 2024 के चुनाव में उसे भारी पड़ने वाला है।मोर्चा संयोजक आज डीएवी काॅलेज के मैदान में मोर्चा की महारैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हर कोई चाहता है कि रुड़की जिला बने। युवाओं को रोजगार मिले लेकिन सरकार संगठन की दृष्टि से तो जिला बनाती है किंतु प्रशासनिक दृष्टि से जिला नहीं बनाती। ऐसा कर सरकार जन भावनाओं का अनादर कर रही है। उत्तराखंड सरकार के मंत्री जनपद हरिद्वार में आपदा से पीड़ित किसानों का मुआवजे के नाम पर मजाक बना रहे हैं। प्रधान हाजी अखलाक की अध्यक्षता व पूर्व हरिद्वार लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार सैनी के संचालन में आयोजित महारैली को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद राजेन्द्र बाड़ी, उत्तराखंड बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष राव मुनफैत अली, आन्दोलनकारी नेता हर्ष प्रकाश काला, शिक्षाविद् डाॅ. श्याम सिंह नागियान, कांग्रेस नेता धर्मपाल सिंह, किसान नेता फरमान त्यागी एडवोकेट, कांग्रेस नेता ठाकुर वीरेन्द्र सिंह, व्यापारी नेता अरविंद कश्यप, किसान नेता चैधरी ऋषिपाल सैनी, अब्दुल मलिक, कांग्रेस नेता नासिर प्रवेज, प्रधान विकास त्यागी, डाॅ. चेतन दास सैनी, मौ. जाहिद, किसान नेता अनूप सैनी, नाथीराम सैनी, कलीम खान, आदेश सैनी, युवा नेता विशाल शर्मा, नाथीराम सैनी ने संयुक्त रुप से कहा कि सरकार जनपद हरिद्वार को आपदाग्रस्त घोषित कर सभी देनदारी माफ करंे, बिजली के बिल व ऋण पर एक वर्ष का ब्याज माफ करंे। नदियों के तटबंध बनाए तथा बर्बाद हुए खेत से किसानों को रेत खनन करने की छूट दी जाए, जब तक उसका खेत उपजाऊ न हो। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मोर्चा की मांग नहीं मानी जाती, तो सरकार वर्ष 2024 के चुनाव में इसके दुष्परिणाम भुगतने को तैयार रहे। महारैली में किसानों के साथ- साथ युवाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महारैली को डीएवी काॅलेज मैदान पर ही समापन के उपरांत मोर्चा संयोजक सुभाष सैनी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रेषित किया गया। महारैली में लोजमो संयोजक सुभाष सैनी, किसान नेता राजकुमार सैनी, एड़. फरमान त्यागी, शिक्षाविद् डाॅ. श्याम सिंह नाग्यान, आदेश सैनी, मास्टर प्रवीण सैनी, हर्ष प्रकाश काला, ठाकुर वीरेन्द्र सिंह, शेखर सैनी समेत हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया।