रुड़की (ब्यूरो रिपोर्ट)
वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने कहा कि सचिन प्रधान व जिपं सदस्य सपना ने जाली दस्तावेज नामांकन पत्र में दाखिल कर चुनाव जीता है, जो एक बड़ा संगीन अपराध है। उन्होंने हैरत व्यक्त करते हुए कहा कि जो व्यक्ति वास्तव में पीड़ित होता है, पुलिस उसका मुकदमा दर्ज तो दूर की बात उसकी सुनवाई तक नही करती, लेकिन जो अपराधी किस्म के व्यक्ति होते है, उन्हें पुलिस तवज्जों देते हुए उनका संरक्षण करती है। आज रामनगर स्थित अपने चेम्बर कार्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव वर्मा ने कहा कि सचिन प्रधान के सामने प्रशासनिक इकाई नतमस्तक नजर आती है, क्योंकि उसे बड़े राजनीतिक लोगों का संरक्षण प्राप्त है। हरीश रावत सरकार में भी सचिन प्रधान पर कई मुकदमों में एफआर लग चुकी है। इससे साफ जाहिर होता है कि राजनीतिक लोगों के संरक्षण में सचिन प्रधान जैसे माफिया संगीन अपराधों को अंजाम देकर खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि छह माह तक चक्कर लगाये और बहस की, जिसके बाद एक अपराधी किस्म के व्यक्ति के खिलाफ न्यायिक प्रणाली के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली में भी सुधार लाने की जरूरत है।